एसडीसी फाउंडेशन कार्यक्रम में वैज्ञानिकों, शिक्षकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्लास्टिक कचरे के बढ़ते खतरे पर जताई चिंता
देहरादून में प्लास्टिक कचरे के खिलाफ जागरूकता अभियान को मिली नई गति
300 से अधिक प्लास्टिक बैंक स्थापित, ‘स्वच्छ ग्रह’ के लिए बढ़ाया कदम
वैज्ञानिकों, शिक्षकों, संस्कृति कर्मियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्लास्टिक कचरे के बढ़ते खतरे को लेकर चिंता जताई और इसके वैज्ञानिक निस्तारण की आवश्यकता पर बल दिया। बुधवार को देहरादून में एसडीसी फाउंडेशन द्वारा आयोजित ‘300 प्लस प्लास्टिक बैंक उत्सव’ में वक्ताओं ने प्लास्टिक कचरे को कम करने की दिशा में व्यक्तिगत प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया।
300 से अधिक प्लास्टिक बैंक स्थापित करने की उपलब्धि
देहरादून स्थित एसडीसी फाउंडेशन ने 300 से अधिक प्लास्टिक बैंक स्थापित करने की उपलब्धि हासिल की है। इस अवसर पर आईआरडीटी ऑडिटोरियम, सर्वे चौक में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य था— “हमारा मिशन एक स्वच्छ ग्रह”। इस समारोह में वैज्ञानिकों, शिक्षकों, संस्कृति कर्मियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, स्कूली बच्चों और आम नागरिकों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।
प्लास्टिक बैंक: पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सकारात्मक कदम
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आईआईपी के निदेशक डॉ. हरेन्द्र बिष्ट ने प्लास्टिक कचरे की बढ़ती समस्या को रेखांकित करते हुए कहा कि निस्तारण के उपायों को प्रभावी ढंग से लागू करने की आवश्यकता है। उन्होंने प्लास्टिक बैंक को एक अभिनव पहल बताते हुए कहा कि सभी को अपने स्तर पर प्लास्टिक कचरे के उत्पादन को कम करने का प्रयास करना चाहिए।
गांवों में प्लास्टिक कचरे की समस्या पर जागरूकता की जरूरत
प्रसिद्ध लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में लोग प्लास्टिक कचरे को लेकर जागरूक हो रहे हैं, लेकिन गांवों की स्थिति अभी भी चिंताजनक है। उन्होंने आश्वासन दिया कि वे ग्रामीण इलाकों में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रयास करेंगे।
एसडीसी फाउंडेशन की यात्रा: 55 छात्राओं से लेकर लाखों लोगों तक
एसडीसी फाउंडेशन के अनूप नौटियाल ने प्लास्टिक बैंक अभियान की सफलता पर प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि यह अभियान 2019 में देहरादून के अपर प्राइमरी स्कूल खुड़बुड़ा की 55 छात्राओं से शुरू हुआ था। आज इसमें करीब एक लाख लोग जुड़े हैं, जिनमें 40 हजार से अधिक स्कूली छात्र-छात्राएं भी शामिल हैं।
अब तक 132 मैगी प्वॉइंट्स, 92 स्कूल, 40 हॉस्टल, 10 विश्वविद्यालय और कॉलेज, तथा 8 शोरूम सहित कई अन्य स्थानों पर प्लास्टिक बैंक स्थापित किए जा चुके हैं। उन्होंने लोगों से प्लास्टिक कचरे के न्यूनतम उपयोग की अपील की।
प्लास्टिक कचरे के समाधान पर पैनल डिस्कशन
कार्यक्रम में प्लास्टिक कचरे के समाधान पर पैनल डिस्कशन भी हुआ। इसमें प्रमुख रूप से शामिल थे—
- डॉ. नीरज अत्रे (सीएसआईआर-आईआईपी)
- डॉ. अंकुर कंसल (उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड)
- गिरीश उनियाल (स्वामीराम हिमालयन विश्वविद्यालय)
- प्रवीण गुलाटी (एसएल होंडा)
- प्रियांक (स्वयंभू रीसाइक्लिंग)
- प्रमोद कुमारी (एसजीआरआर पब्लिक स्कूल)
पैनल चर्चा में कचरे के स्रोत पर ही सेग्रीगेशन (विभाजन) की आवश्यकता को सबसे महत्वपूर्ण बताया गया। वक्ताओं ने इस पहल को “वेस्ट टू वेल्थ” (कचरे से कमाई) का रूप देने पर भी जोर दिया।
स्कूली बच्चों की भागीदारी: नाटक व प्रतियोगिताएं
इस कार्यक्रम में स्कूली बच्चों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया। सोफिया हाई स्कूल, नेशविला रोड के विद्यार्थियों ने नाटक प्रस्तुत किया, जिसमें यह संदेश दिया गया कि जो धरती पहले सोना-चांदी उगलती थी, वह अब प्लास्टिक उगलने लगी है।
प्रतियोगिताओं में विजयी स्कूलों को सम्मान
प्लास्टिक कचरे से जुड़ी विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजयी स्कूली बच्चों को सम्मानित किया गया।
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प्रथम प्लास्टिक बैंक पुरस्कार: सरकारी अपर प्राइमरी स्कूल खुड़बुड़ा
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बेस्ट परफॉर्मिंग प्लास्टिक बैंक:
- भवानी बालिका इंटर कॉलेज, बल्लूपुर
- राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, लखीबाग
- सोफिया हाई स्कूल, नेशविला रोड
- श्री महावीर जैन कन्या पाठशाला, तिलक रोड
- श्री गुरुनानक स्कूल, रेसकोर्स
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वीडियो कॉम्पिटीशन:
- प्रथम: राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, लखीबाग
- द्वितीय: सोफिया हाई स्कूल
- तृतीय: सीएनआई बालिका इंटर कॉलेज, राजपुर रोड
इसके अलावा 6 अन्य स्कूलों को सांत्वना पुरस्कार दिया गया।
सहयोगी संस्थानों को सम्मान
कार्यक्रम में विभिन्न विश्वविद्यालयों और संस्थानों ने भाग लिया, जिनमें शामिल थे—
- वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया
- हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल यूनिवर्सिटी
- क्वांटम यूनिवर्सिटी
- तुलाज इंस्टीट्यूट
- यूपीईएस
- बीएस नेगी इंस्टिट्यूट
बेहतर सहयोग के लिए स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय, एसएल होंडा, क्वांटम यूनिवर्सिटी, सेंट्रियो मॉल, होप टाउन गर्ल्स स्कूल (सेलाकुई) और श्रीराम ऑटोमोबाइल्स को सर्टिफिकेट सौंपे गए।
विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति
कार्यक्रम में कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे, जिनमें शामिल थे—
- अपर निदेशक पर्यटन अभिषेक रोहिला
- प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्रदीप जोशी
- एफडीए से गणेश कंडवाल
- आईआईपी से डॉ. सनत कुमार और डॉ. अविनाश
- स्वास्थ्य विभाग से अनिल सती
- देहरादून सिटिजन फोरम से जगमोहन मेहंदीरत्ता, राधा चटर्जी, ऋतु चटर्जी, माया निरुला, भारती जैन, सुनील नेहरू, शिशिर प्रशांत, अजय दयाल, अनूप बडोला
कार्यक्रम का सफल संचालन और समापन
कार्यक्रम का संचालन एसडीसी फाउंडेशन के दिनेश सेमवाल ने किया, जबकि प्यारेलाल और प्रवीन उप्रेती ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस आयोजन ने देहरादून में प्लास्टिक मुक्त पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने और सामूहिक प्रयासों को प्रेरित करने का एक मजबूत संदेश दिया।