16.8 C
New York
Monday, May 19, 2025
spot_img

राज्य में बुग्यालों के संरक्षण के लिए तैयार होगी SOP, भू-धंसाव को रोकने के लिए लिया गया निर्णय

राज्य के बुग्यालों (हरे घास के मैदान) के संरक्षण के लिए वन विभाग एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) तैयार करेगा। दयारा बुग्याल सहित राज्य के अन्य बुग्यालों में प्राकृतिक और मानवीय कारण से बढ़ते भूस्खलन और भू-धंसाव को रोकने के लिए विभाग ने यह निर्णय लिया है।

साथ ही विभाग बुग्यालों के संरक्षण के संबंध में हाईकोर्ट की ओर से जारी निर्देशों का अनुपालन भी सुनिश्चित करेगा। यह जानकारी दयारा बुग्याल का भ्रमण कर लौटे राज्य के प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) डॉ. धनंजय मोहन और भागीरथी वृत्त के वन संरक्षक धर्म सिंह मीणा ने रविवार को पत्रकार वार्ता में दी

 

22 बुग्यालों में करीब 83 हेक्टेयर क्षेत्र में काम हुआ

पीसीसीएफ ने कहा, दयारा बुग्याल पारिस्थितिकी के लिहाज से महत्वपूर्ण संवेदनशील क्षेत्र है। इस बुग्याल पूर्व में जो पारिस्थितिकी पुनर्स्थापना का काम किया गया था, उसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। उन्हें दयारा के साथ अन्य बुग्यालों में भी आगे बढ़ाते हुए भूस्खलन और भू-धंसाव रूपी घाव पर जियो जूट रूपी मरहम पट्टी की जाएगी।

उन्होंने दयारा के नीचे गोई नामक स्थान पर भूस्खलन की रोकथाम को भी उपचार कार्य शुरू करने की बात कही। वहीं, वन संरक्षक भागीरथी वृत्त धर्म सिंह मीणा ने कहा, बुग्याल संरक्षण योजना में अभी तक 22 बुग्यालों में करीब 83 हेक्टेयर क्षेत्र में काम हुआ है। सभी बुग्यालों में जो जैविक दबाव पड़ रहे, उसे कम करने को जल्द एक एसओपी तैयार की जाएगी।

पीसीसीएफ ने वनाग्नि नियंत्रण के लिए फायर सीजन से पूर्व ही तैयारी शुरू करने की बात कही। बता दें कि अमर उजाला ने बीते 18 नवंबर को स्पेशल रिपोर्ट में उधड़ रहीं घास की परतें, भूस्खलन और भू-धंसाव से खतरे में दयारा शीर्षक से ग्राउंड रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसके बाद वन विभाग बुग्याल के संरक्षण के लिए हरकत में आया।

एक साल में बन जाएगा हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र

पीसीसीएफ ने गंगोत्री के निकट लंका में निर्माणाधीन हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र का भी निरीक्षण किया। कहा, केंद्र के निर्माण के लिए नींव तैयार करने का काम पूरा कर लिया गया है। इसके बाद अन्य निर्माण कार्य अधिक गति से होंगे। एक साल में यह केंद्र बनकर तैयार हो जाएगा। यह क्षेत्र की अद्भुत प्राकृतिक वातारण से पर्यटकों का परिचय कराएगा।

ट्रांस हिमालय पार्क के रूप में उभरा गंगोत्री

कहा, गंगोत्री नेशनल पार्क एक दशक में ट्रांस हिमालयन नेशनल पार्क के रूप में उभरा है। वन्य जीव संस्थान की ओर से किए गए आंकलन में यहां हिम तेंदुओं की भी अच्छी संख्या दर्ज की गई है। कहा, एक दशक पूर्व तक पार्क के बारे में लोगों को पता भी नहीं था, लेकिन अब धीरे-धीरे पर्यटन बढ़ा है। नेलांग घाटी में सफारी के लिए पर्यटक पहुंच रहे हैं।

Related Articles

Stay Connected

0FansLike
3,912FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles