होली से पहले मिलावटखोरों पर सख्त कार्रवाई
फूड सेफ्टी विभाग ने जारी किए नए दिशानिर्देश
बॉर्डर पर कड़ा पहरा, सैंपलों के ऑनस्पॉट टेस्ट जारी, विजिलेंस सेल और सर्विलांस से कड़ी निगरानी शुरू
मिलावटखोरी रोकने के लिए डिकॉय ऑपरेशन, एनफोर्समेंट और सर्विलांस का होगा सख्त इस्तेमाल
देहरादून। होली के मौके पर आम जनता तक शुद्ध और सुरक्षित खाद्य उत्पाद पहुंचाने के लिए खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने प्रदेशभर में मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त अभियान शुरू कर दिया है। खासतौर पर दूध, मावा, पनीर और खोया जैसे उत्पादों की कड़ी जांच की जा रही है। देहरादून, हरिद्वार और ऊधम सिंह नगर जैसे संवेदनशील जिलों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है। देहरादून के आशारोड़ी बॉर्डर पर बाहरी राज्यों से आने वाले दूध और उसके उत्पादों की गहन जांच की जा रही है।
खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन के आयुक्त डा. आर राजेश कुमार ने बताया कि इस संबंध में एक विस्तृत SOP जारी कर दी गई है और संबंधित अधिकारियों को मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि खाद्य सैंपलों की प्राथमिकता के आधार पर जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने वाले मिलावटखोरों तथा विक्रेताओं के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी। इसमें 5 लाख रुपये तक का जुर्माना और 6 साल तक की कैद का प्रावधान है।
आयुक्त डा. आर राजेश कुमार ने यह भी बताया कि प्रदेशभर में मिलावटखोरी को रोकने के लिए प्रशासन लगातार सघन अभियान चला रहा है। यह अभियान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत के मार्गदर्शन में संचालित किया जा रहा है। अब होली के मद्देनजर विभाग ने व्यापक कार्ययोजना तैयार कर इस मुहिम को और तेज कर दिया है।
फूड सेफ्टी विभाग ने जारी की सख्त SOP, मिलावटखोरों पर कसेगा शिकंजा
फूड सेफ्टी विभाग ने मिलावटखोरों पर कार्रवाई के लिए सख्त SOP जारी की है। राज्यभर के सभी जिलाधिकारियों और प्रभारी/अभिहित अधिकारियों को इस संबंध में दिशा-निर्देश दिए गए हैं। डा. आर राजेश कुमार ने बताया कि खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम-2006 एवं नियम 2011 के तहत मिलावटी खाद्य पदार्थों के निर्माता, थोक विक्रेता, आपूर्तिकर्ता और फुटकर विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। होली अभियान के दौरान की गई प्रवर्तन कार्यवाहियों की गहन समीक्षा होगी, और उन खाद्य कारोबारियों को चिन्हित कर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी जो बार-बार नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं।
डा. आर राजेश कुमार ने यह भी कहा कि आदेशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा, और हर कार्य दिवस की गई कार्रवाई की रिपोर्ट ई-मेल के माध्यम से खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन, उत्तराखंड को भेजी जाएगी। इस विस्तृत SOP में सभी आवश्यक पहलुओं को ध्यान में रखा गया है ताकि मिलावट पर पूरी तरह रोक लगाई जा सके।
प्रदेश को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया
अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि होली के मद्देनजर मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है। पहली श्रेणी में ऊधमसिंह नगर, नैनीताल, हरिद्वार, देहरादून, टिहरी और पौड़ी शामिल हैं, जबकि दूसरी श्रेणी में चंपावत, बागेश्वर और अल्मोड़ा को रखा गया है। इन संवेदनशील जिलों में सचल खाद्य लैब की व्यवस्था की गई है, जो त्योहारी सीजन के दौरान अचानक छापेमारी कर सैंपलिंग करेगी। इससे मिलावटखोरी पर त्वरित और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
डिकॉय ऑपरेशन, एनफोर्समेंट और सर्विलांस से होगी कड़ी निगरानी
अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि मिलावटखोरी पर प्रभावी रोक लगाने के लिए डिकॉय ऑपरेशन, एनफोर्समेंट और सर्विलांस की मदद ली जाएगी। साथ ही, विभाग की ये टीमें उपभोक्ताओं को मिलावटी वस्तुओं की पहचान और उनसे बचाव के प्रति जागरूक भी करेंगी।
अभिसूचना के आधार पर छापेमारी की जाएगी, और संभावित विरोध को देखते हुए खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीमें पुलिस प्रशासन का सहयोग लेंगी। अपर आयुक्त ने यह भी बताया कि यह अभियान उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ और चमोली जिलों में भी संचालित किया जाएगा, ताकि पूरे प्रदेश में मिलावटखोरी पर सख्त नियंत्रण रखा जा सके।
दूध से बने उत्पादों पर कड़ी निगरानी
दूध से बने उत्पादों और अन्य खाद्य पदार्थों की सैंपलिंग की जाएगी और जांच के लिए लैब में भेजा जाएगा। खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत मानकों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी। बिना लाइसेंस के उत्पादन और बिक्री करने वाले कारोबारियों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि सभी सैंपलों की जांच प्राथमिकता के आधार पर की जाएगी। यदि किसी सैंपल में मिलावट पाई जाती है, तो मिलावटी उत्पादों के निर्माण और बिक्री में शामिल लोगों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
बॉर्डर इलाकों में भी मिलावटखोरों पर कड़ी निगरानी
अपर आयुक्त एवं ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि उत्तर प्रदेश से सटे बॉर्डर इलाकों में भी मिलावटखोरों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। विभाग ने सचल सैंपल टेस्ट वाहनों की व्यवस्था की है, जिससे ऑनस्पॉट सैंपल टेस्टिंग की जा सके। इससे मिलावटी उत्पादों की तुरंत पहचान कर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
संयुक्त टीमों के साथ छापेमारी
खाद्य संरक्षा विभाग ने मिलावटखोरों पर कड़ा शिकंजा कसने के लिए संयुक्त टीमें गठित की हैं। ये टीमें जिलों के नोडल अधिकारियों के साथ मिलकर प्रतिष्ठानों में छापेमारी कर रही हैं। विभाग ने विजिलेंस सेल का गठन किया है, जो शिकायत मिलने पर त्वरित कार्रवाई करती है।
इसके अलावा, सर्विलांस के जरिए भी सख्त मॉनिटरिंग की जा रही है। गौरतलब है कि होली के दौरान बड़े पैमाने पर मिलावट कर मिठाइयों में ज़हर घोलने वालों पर लगाम लगाने के लिए यह अभियान तेज कर दिया गया है।
ऊधम सिंह नगर और हरिद्वार में सबसे ज्यादा सैंपलिंग
अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि ऊधम सिंह नगर और हरिद्वार से सबसे अधिक मिलावट की शिकायतें मिलती हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए इन जिलों में विशेष चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है, जहां खाद्य पदार्थों की सघन सैंपलिंग की जा रही है।
सभी जिलों में फूड इंस्पेक्टर लगातार प्रतिष्ठानों का निरीक्षण कर रहे हैं, क्योंकि त्योहारों के दौरान मिठाइयों और अन्य खाद्य पदार्थों में मिलावट का खतरा बढ़ जाता है। इस बार प्रदेशभर में बड़े स्तर पर कार्रवाई की जा रही है, ताकि मिलावटखोरों का नेटवर्क पूरी तरह खत्म किया जा सके।