विजिलेंस मामलों में सुस्ती बर्दाश्त नहीं: गृह सचिव शैलेश बगौली ने दिए त्वरित कार्रवाई और प्रणाली सुधार के निर्देश
देहरादून। आमजन की शिकायतों को प्राथमिकता देते हुए उत्तराखंड के गृह सचिव शैलेश बगौली ने विजिलेंस विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि लंबित मामलों के शीघ्र और प्रभावी निस्तारण के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति को ज़मीन पर लागू करने के लिए विजिलेंस प्रणाली में त्वरित कार्रवाई, तकनीकी दक्षता और नवाचार जरूरी है।
गृह सचिव ने विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान विजिलेंस के कुछ मामलों के लंबे समय से लंबित रहने पर गहरी चिंता जताई और इसे आम जनता के विश्वास को कमजोर करने वाला बताया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जांच प्रक्रिया को तेज करने के लिए पारंपरिक कार्यप्रणाली के साथ-साथ आधुनिक तकनीकों, विशेषकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित टूल्स और डेटा एनालिटिक्स का अधिकतम उपयोग किया जाए।
नवाचार और तकनीकी हस्तक्षेप पर जोर
गृह सचिव ने कहा कि जांच प्रक्रिया में पारदर्शिता और गति लाने के लिए नवाचार को अनिवार्य रूप से अपनाया जाना चाहिए। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि किस प्रकार अन्य राज्यों में तकनीकी टूल्स के माध्यम से शिकायतों की छंटाई, प्राथमिक जांच और कार्यवाही की प्रक्रिया को ऑटोमेट किया जा रहा है। उत्तराखंड में भी ऐसी व्यवस्था विकसित की जाए जो शिकायत मिलते ही उसके प्राथमिक विश्लेषण, वैधता मूल्यांकन और प्राथमिकता निर्धारण में सक्षम हो।
शासन स्तर पर लंबित मामलों के लिए निर्देश
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि शासन स्तर पर यदि कोई विजिलेंस से संबंधित प्रकरण दो माह तक प्रगति नहीं कर पाता है, तो उसे स्वतः गृह सचिव के संज्ञान में लाया जाएगा। इसके लिए सभी संबंधित विभागों को समय-समय पर रिमाइंडर भेजे जाएंगे और एक ट्रैकिंग प्रणाली विकसित की जाएगी, जिससे हर मामले की अद्यतन स्थिति की निगरानी संभव हो सके।
गृह सचिव ने यह भी निर्देशित किया कि 1064 पोर्टल या विजिलेंस वेबसाइट के माध्यम से प्राप्त वे शिकायतें, जो विजिलेंस के दायरे में नहीं आतीं, उन्हें 1905 हेल्पलाइन के माध्यम से संबंधित विभागों को शीघ्रता से अग्रसारित किया जाए। इससे शिकायतकर्ता को सही मंच पर समाधान मिलने में सुविधा होगी और विजिलेंस प्रणाली पर अनावश्यक दबाव नहीं पड़ेगा।
अधिकारियों की कमी पर भी चर्चा
बैठक के दौरान विजिलेंस विभाग में अधिकारियों और संसाधनों की कमी का मुद्दा भी सामने आया। इस पर गृह सचिव ने कहा कि पुलिस महानिदेशक (DGP) के साथ शीघ्र ही पृथक बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें विजिलेंस में मानव संसाधन की आवश्यकताओं और उनके शीघ्र पूर्ति के लिए प्रस्ताव तैयार किया जाएगा।
उच्च स्तरीय अधिकारियों की उपस्थिति
यह बैठक सचिवालय में आयोजित की गई, जिसमें निदेशक विजिलेंस वी. मुरूगेशन, पुलिस अधीक्षक विजिलेंस रचिता जुयाल सहित विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि प्रत्येक शिकायत को समयबद्ध और गंभीरता से निपटाया जाए और विभागीय कार्यप्रणाली को जनहितकारी तथा उत्तरदायी बनाया जाए।