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Friday, September 26, 2025
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बोर्ड में फेल शिक्षकों पर सख्ती, तबादला नियमावली तैयार

खराब बोर्ड परीक्षाफल पर शिक्षकों को मिलेगा सजा तबादला, शिक्षा विभाग ने तैयार की नई नियमावली

कैबिनेट से मंजूरी के बाद जनवरी से शुरू होगी तबादलों की प्रक्रिया, ऑनलाइन होंगे आवेदन

देहरादून। उत्तराखंड में अब बोर्ड परीक्षाओं के खराब नतीजे शिक्षकों की पोस्टिंग पर असर डालेंगे। अगर किसी शिक्षक का 10वीं या 12वीं में लगातार दो वर्षों तक परिणाम खराब पाया गया, तो उन्हें पहाड़ी क्षेत्रों में अनिवार्य रूप से स्थानांतरित किया जाएगा। इस दिशा में शिक्षा विभाग ने एक अलग तबादला नियमावली तैयार कर ली है, जिसे मंजूरी के लिए जल्द कैबिनेट में लाया जाएगा।

पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों के आधार पर तय होगी तबादला नीति

नए प्रावधानों के तहत प्रदेश को अब दो श्रेणियों—पर्वतीय और मैदानी—में विभाजित किया गया है। हर शिक्षक की सेवा अवधि के अनुसार अंक तय किए जाएंगे और उसी के आधार पर तबादलों की पात्रता सूची तैयार होगी। यह प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन माध्यम से संचालित की जाएगी।

सेवा गुणांक के आधार पर शिक्षक पर्वतीय से मैदानी और मैदानी से पर्वतीय क्षेत्रों में अनिवार्य तबादले के पात्र होंगे। इसके लिए न्यूनतम 16 अंक आवश्यक होंगे।

उच्च और निम्न पर्वतीय जिलों की परिभाषा

राज्य के चार जिले—पिथौरागढ़, उत्तरकाशी, चमोली और बागेश्वर—को उच्च पर्वतीय जिलों में शामिल किया गया है। जबकि टिहरी, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा, चंपावत, नैनीताल, पौड़ी और देहरादून के पर्वतीय क्षेत्रों को निम्न पर्वतीय जिले माना जाएगा।

तबादला प्रक्रिया का समय निर्धारण

नियमावली के अनुसार शिक्षकों के तबादलों की प्रक्रिया हर साल 1 जनवरी से शुरू होगी और 31 मार्च तक तबादला आदेश जारी कर दिए जाएंगे। नियम यह भी स्पष्ट करता है कि तबादला किसी भी शिक्षक का मूल अधिकार नहीं माना जाएगा। यदि नियमों के अमल में व्यवहारिक दिक्कत आती है तो शिक्षा विभाग या सरकार उस पर निर्णय लेगी।

सेवाकाल में मिलेगा संवर्ग परिवर्तन का अवसर

शिक्षकों को अपने पूरे सेवाकाल में एक बार संवर्ग परिवर्तन की छूट भी दी जाएगी, बशर्ते उन्होंने वर्तमान संवर्ग में कम से कम तीन वर्ष की सेवा पूरी की हो। एससीईआरटी, सीमैट, और जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों में कार्यरत शिक्षकों के तबादले भी तब तक इसी नियमावली के तहत होंगे जब तक इनके लिए अलग कैडर नहीं बन जाता।

महिला शिक्षकों को विशेष छूट

अविवाहित महिला शिक्षकों को विवाह के उपरांत पति के कार्यस्थल अथवा गृह जिले में एक बार तबादले की विशेष छूट दी जाएगी। यह छूट भी पूरे सेवाकाल में एक बार मान्य होगी।

शिक्षकों के सभी तबादले सॉफ्टवेयर आधारित ऑनलाइन प्रणाली से ही किए जाएंगे। इसके लिए एक समर्पित पोर्टल विकसित किया जा रहा है, जिस पर सेवा अंक, स्थान की प्राथमिकता, और पात्रता के अनुसार सूची स्वतः तैयार होगी।

नियमावली के अनुसार, किसी भी शिक्षक को एक उप-पर्वतीय या मैदानी क्षेत्र में अधिकतम पांच वर्ष तक ही सेवा देनी होगी। इसके बाद उसे स्थानांतरण की पात्रता सूची में सम्मिलित कर लिया जाएगा

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