प्रशासनिक फेरबदल: उत्तराखंड में बड़े पैमाने पर बदलाव
देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने राज्य प्रशासन में बड़ा फेरबदल करते हुए 13 आईएएस, एक पीसीएस और दो सचिवालय सेवा के अधिकारियों के विभागों में बदलाव किया है। इस फेरबदल का उद्देश्य प्रशासनिक कार्यों को अधिक प्रभावी बनाना और विभिन्न विभागों की कार्यप्रणाली में सुधार लाना है।
मुख्य सचिवालय स्तर पर हुए महत्वपूर्ण बदलाव:
युगल किशोर पंत को भाषा विभाग का दायित्व सौंपा गया है, हालांकि उनके शेष विभाग पूर्व की तरह यथावत रहेंगे। इससे प्रशासन में भाषा विभाग से जुड़े कार्यों को और अधिक गति मिलने की संभावना है।
अपर सचिव सोनिका को नागरिक उड्डयन विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। इससे राज्य में नागरिक उड्डयन से जुड़े कार्यों को अधिक सुव्यवस्थित और प्रभावी ढंग से लागू किया जा सकेगा।
अपर सचिव विनित कुमार से नियोजन विभाग का प्रभार हटा दिया गया है। प्रशासनिक कार्यों के संतुलन को ध्यान में रखते हुए यह बदलाव किया गया है।
स्वास्थ्य और कृषि विभागों में बदलाव:
अपर सचिव रीना जोशी को मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। इससे स्वास्थ्य सेवाओं के संचालन और निगरानी को और अधिक सुदृढ़ बनाया जा सकेगा।
अपर सचिव आनंद श्रीवास्तव से चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण का प्रभार हटा दिया गया है। अब वे कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग का कार्यभार संभालेंगे, जिससे राज्य के कृषि क्षेत्र में नई नीतियों और योजनाओं को अधिक प्रभावी रूप से लागू करने की संभावना बढ़ेगी।
अपर सचिव मनुज गोयल से ग्राम्य विकास, कृषि एवं कृषक कल्याण और निदेशक रीप का दायित्व हटा दिया गया है। अब वे सैनिक कल्याण और उच्च शिक्षा विभाग का कार्यभार संभालेंगे, जिससे इन विभागों में प्रशासनिक प्रक्रिया को और अधिक मजबूत किया जा सकेगा।
वित्त और कौशल विकास विभाग में बदलाव:
अपर सचिव हिमांशु खुराना को वित्त विभाग की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है, जिससे राज्य की वित्तीय नीतियों को और अधिक प्रभावी रूप से लागू किया जा सकेगा।
अपर सचिव अभिषेक रुहेला अब कौशल विकास एवं सेवा योजन विभाग का प्रभार भी संभालेंगे, जिससे राज्य में रोजगार और कौशल विकास से जुड़े कार्यक्रमों को और अधिक प्रभावी रूप से लागू करने में मदद मिलेगी।
सूचना प्रौद्योगिकी और शहरी विकास विभाग में बदलाव:
अपर सचिव निकिता खंडेलवाल से ग्राम्य विकास और निदेशक शहरी विकास विभाग का दायित्व हटा दिया गया है। अब वे सूचना प्रौद्योगिकी, सूराज और विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग का कार्यभार भी देखेंगी। इससे तकनीकी और प्रशासनिक कार्यों में अधिक तालमेल और पारदर्शिता लाई जा सकेगी।
अपर सचिव अनुराधा पाल को एपीडी, आईएलएसपी और परियोजना निदेशक यूजीवीएस-रीप का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। इससे ग्रामीण विकास परियोजनाओं को अधिक प्रभावी तरीके से लागू किया जा सकेगा।
अपर सचिव गौरव कुमार से सूचना प्रौद्योगिकी, सूराज और विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग का प्रभार हटाकर उन्हें निदेशक शहरी विकास विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। यह बदलाव शहरी विकास योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए किया गया है।
प्रशासनिक फेरबदल का उद्देश्य
इस प्रशासनिक फेरबदल का मुख्य उद्देश्य राज्य के विभिन्न विभागों के संचालन को अधिक सुचारू, पारदर्शी और प्रभावी बनाना है। सरकार द्वारा किए गए इन बदलावों से योजनाओं और नीतियों के क्रियान्वयन में तेजी आने की उम्मीद है, जिससे जनता को सरकारी सेवाओं का लाभ अधिक व्यवस्थित और दक्षता के साथ मिल सकेगा।
विशेष रूप से स्वास्थ्य, कृषि, शिक्षा, कौशल विकास और वित्तीय प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में यह फेरबदल प्रशासनिक कार्यों को मजबूती प्रदान करेगा। नए अधिकारियों की नियुक्ति और जिम्मेदारियों के पुनर्वितरण से इन विभागों में कार्यक्षमता बढ़ेगी और राज्य विकास की दिशा में नए आयाम स्थापित करेगा।
उत्तराखंड सरकार समय-समय पर इस तरह के प्रशासनिक फेरबदल करती रही है ताकि नीतिगत सुधारों को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके और प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता बनी रहे। इससे राज्य के विकास कार्यों में तेजी आने की संभावना है और जनता को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने में सहायता मिलेगी।
इस बदलाव के जरिए सरकार की मंशा है कि राज्य की योजनाओं और परियोजनाओं का निष्पादन अधिक कुशलता और प्रतिबद्धता के साथ हो, जिससे उत्तराखंड की प्रगति को और गति मिले।