भूकंप से कांपी चमोली की धरती: रात 12 बजे महसूस हुए झटके, लोग दहशत में घरों से बाहर निकले
चमोली (उत्तराखंड), 19 जुलाई।
उत्तराखंड की शांत वादियों में शनिवार तड़के उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब चमोली जिले में आधी रात के बाद धरती कांप उठी। रात 12 बजकर 2 मिनट पर आए इस भूकंप ने लोगों की नींद तोड़ी और कई क्षेत्रों में लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.3 मापी गई, जबकि इसकी गहराई 10 किलोमीटर दर्ज की गई।
लोगों में दहशत, घरों से बाहर निकले लोग
भूकंप के झटके बेहद हल्के होने के बावजूद रात्रि के समय होने के कारण इसका असर लोगों पर ज्यादा महसूस हुआ। स्थानीय निवासियों के अनुसार, पहले तेज़ घरों की दीवारें हिलती महसूस हुईं और उसके कुछ सेकंड बाद ज़मीन में कंपन हुआ। इससे पहले कि लोग कुछ समझ पाते, कई घरों के लोग घबराकर बाहर आ गए। हालांकि, भूकंप के झटके कुछ ही क्षणों के लिए थे, लेकिन उनके असर ने नींद में सोए लोगों को बेचैन कर दिया।
राहत की बात: नहीं हुआ कोई जानमाल का नुकसान
प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग ने पुष्टि की है कि इस भूकंप से किसी तरह के जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। फिर भी भूकंप संभावित क्षेत्र होने के कारण चमोली जैसे जिले में इस प्रकार की हलचलें लगातार चिंता का विषय बनी रहती हैं।
उत्तरकाशी में भी आ चुका है भूकंप
गौरतलब है कि इससे पहले 8 जुलाई को उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। उस समय भूकंप की तीव्रता 3.2 थी। लगातार भूकंप की गतिविधियों से राज्य के संवेदनशील भूकंपीय क्षेत्र होने की पुष्टि होती है।
भूकंपीय दृष्टि से संवेदनशील है उत्तराखंड
उत्तराखंड भूकंपीय जोन-4 और जोन-5 में आता है, जो इसे भारत के सबसे अधिक संवेदनशील भूकंप संभावित क्षेत्रों में शामिल करता है। खासकर चमोली, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ और रुद्रप्रयाग जैसे जिले अक्सर हल्के-फुल्के भूकंप के झटकों को महसूस करते रहते हैं।
भूवैज्ञानिकों के अनुसार, हिमालयी क्षेत्र में टेक्टोनिक प्लेटों की सक्रियता के चलते भूकंप सामान्य घटना है। हालांकि, किसी भी तीव्र झटके की स्थिति में जानमाल की सुरक्षा के लिए लोगों को सतर्क रहने और भूकंप सुरक्षा उपायों को अपनाने की ज़रूरत है।