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Saturday, April 19, 2025
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उत्तराखंड के गांव ने शराब पर प्रतिबंध, सामूहिक बहिष्कार की दी चेतावनी

उत्तराखंड के सत्यों गांव ने शराब के खिलाफ उठाया सख्त कदम, विवाह और अन्य शुभ आयोजनों में शराब परोसने पर सामूहिक बहिष्कार की घोषणा

उत्तराखंड के लमगड़ा ब्लाक स्थित सत्यों गांव ने नशे की लत और उसके नकारात्मक प्रभावों से निपटने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। गांव के ग्रामीणों ने फैसला लिया है कि अब किसी भी शादी, जन्मदिन या अन्य शुभ अवसरों पर शराब परोसी जाएगी, तो आयोजकों का सामूहिक बहिष्कार किया जाएगा। यह निर्णय शराब के बढ़ते दुष्प्रभावों को रोकने और गांव में शांति बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है।

गांव में बढ़ती नशाखोरी की समस्या को देखते हुए, स्थानीय निवासियों ने एकजुट होकर इस कदम का समर्थन किया है। गांव में शराब की बढ़ती लत, जहां अपराध और विवादों में इज़ाफा हो रहा है, वहीं यह युवा पीढ़ी को भी नशे की ओर आकर्षित कर रही है। इस माहौल को बदलने के लिए सत्यों गांव के ग्रामीणों ने रविवार को एक बैठक आयोजित की, जिसमें यह निर्णय लिया गया कि अब से किसी भी समारोह में शराब परोसी गई, तो न केवल आयोजक बल्कि उनका सामूहिक बहिष्कार भी किया जाएगा।

गांव में अब से विवाह, नामकरण, जन्मदिन जैसे शुभ कार्यों के अलावा होली, दीपावली और चुनाव जैसे आयोजनों में शराब परोसने का विरोध किया जाएगा। शराब परोसने वाले परिवार को पूरा गांव बहिष्कृत करेगा और उनके निमंत्रणों का बहिष्कार किया जाएगा। यह निर्णय न केवल समाज के भले के लिए है, बल्कि गांव के शांतिपूर्ण माहौल को बनाए रखने के लिए भी जरूरी है।

ग्रामीणों का मानना है कि इस पहल के जरिए गांव में शराब का चलन बंद होगा और युवा पीढ़ी को इस नशे से बाहर निकाला जा सकेगा। इसके लिए सभी गांववासियों से सहयोग की अपील की गई है। बैठक में हरीश सिंह, दीवान सतवाल, जसवंत सिंह, बालम सिंह, राम सिंह, प्रेम सिंह, गोपाल सिंह, नरसिंह, अनिल सिंह, बची सिंह और अन्य महिलाएं भी बड़ी संख्या में शामिल हुईं।

नशे के खिलाफ बनाई गई संरक्षक समिति

इस अभियान को प्रभावी बनाने के लिए ग्राम संरक्षक समिति का भी गठन किया गया है। समिति के अध्यक्ष के रूप में ग्राम प्रधान नीमा सतवाल, उपाध्यक्ष के रूप में पुष्पा देवी, सचिव के रूप में गीता आर्या और अनीता देवी को सदस्य बनाया गया है। इसके अलावा, 12 अन्य सक्रिय सदस्यों को भी इस समिति में शामिल किया गया है, जो इस पहल को गांवभर में लागू करने के लिए काम करेंगे।

बाहरी लोगों द्वारा जमीन खरीदने पर कड़ी नज़र

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि यदि कोई बाहरी व्यक्ति गांव में जमीन खरीदता है, तो उसे गांव की पानी की सप्लाई से कोई कनेक्शन नहीं दिया जाएगा। कुछ बाहरी लोग पहले ही गांव में जमीन खरीद चुके हैं और सार्वजनिक रास्तों को बंद कर दिया है, जिससे स्थानीय निवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस मुद्दे पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी, ताकि गांव के प्राकृतिक संसाधनों और सार्वजनिक रास्तों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

सत्यों गांव का यह पहल न केवल समाज की भलाई के लिए है, बल्कि यह गांव के लोगों के लिए एक प्रेरणा भी है, जो अपने समाज और संस्कृति को बचाने के लिए एकजुट हो रहे हैं। यह कदम गांव में शांति, सौहार्द और खुशहाली लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है

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