3.6 C
New York
Sunday, March 23, 2025
spot_img

उत्तराखंड: साइबर हमले के बाद व्यवस्था बेपटरी, सरकारी कंप्यूटरों पर इंटरनेट मीडिया पर रोक

उत्तराखंड में साइबर हमले के बाद व्यवस्था बेपटरी, सरकारी कंप्यूटरों पर इंटरनेट मीडिया के इस्तेमाल पर लगेगी रोक
उत्तराखंड में हुए साइबर हमले के बाद राज्य सरकार ने सभी सरकारी कंप्यूटरों पर इंटरनेट मीडिया के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। इस हमले में राज्य की 192 में से 58 वेबसाइट और मोबाइल एप प्रभावित हुए थे। विशेषज्ञ एजेंसियां डाटा सेंटर में आई समस्याओं को दूर करने में जुटी हुई हैं। साइबर सुरक्षा से बचने के लिए गाइडलाइन तैयार की जा रही हैं

प्रदेश के स्टेट डाटा सेंटर में हुए साइबर हमले के बाद व्यवस्था पटरी पर आने लगी है। अभी तक प्रदेश की कुल 192 वेबसाइट व मोबाइल एप में से महत्वपूर्ण 58 वेबसाइट व मोबाइल एप को सक्रिय कर दिया गया है। शेष को सक्रिय करने का कार्य गतिमान है।

वहीं, साइबर व वायरस हमलों को रोकने के लिए सभी सरकारी कंप्यूटरों पर इंटरनेट मीडिया साइट के इस्तेमाल पर रोक लगाई जाएगी। इन साइट के जरिये कंप्यूटर में वायरस आने की आशंका सबसे अधिक रहती है। इसके लिए सभी विभागों को पत्र भेजे जा रहे हैं।

प्रदेश में दो अक्टूबर को हुए साइबर हमले के बाद सरकारी कार्यालयों से जुड़ी सारी ऑनलाइन व्यवस्था ध्वस्त हो गई थी। इस व्यवस्था को पटरी पर लाने में खासा समय लग रहा है। यद्यपि अभी तक 58 प्रमुख वेबसाइट व मोबाइल एप सुचारू कर दिए गए हैं, लेकिन कई विभागों की वेबसाइट प्रभावित हैं, जिन पर लगातार कार्य किया जा रहा है।

डाटा सेंटर में सुरक्षित रखा गया डाटा भी लगभग रिकवर किया जा चुका है। अभी केवल सीसीटीएनएस का कार्य शेष है। इस हमले के बाद जो सर्वर सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं, उन्हें क्रियाशील तो कर दिया गया है लेकिन अभी उन्हें आइसोलेशन में रखा गया है। यानी इन पर अभी डाटा अपलोड नहीं किया जा रहा है।

स्टेट डाटा सेंटर की तकनीकी खामियों को दूर करने के लिए आइटीडीए के साथ ही एनआइएस, आइफोरसी, सर्ट, एसटीएम व कई विशेषज्ञ एजेंसियां जुटी हुई हैं।

सचिव सूचना प्रौद्योगिकी नितेश झा का कहना है कि अब साइबर सुरक्षा से बचने के लिए गाइडलाइन तैयार की जा रही हैं। डाटा सेंटर में पुराने कंप्यूटरों को बदला जाएगा। साथ ही सभी सरकारी वेबसाइट व मोबाइल एप का सोशल ऑडिट भी किया जाएगा

प्रदेश में साइबर हमला कर स्टेट डाटा सेंटर को नुकसान पहुंचाने वाले वायरस की पहचान हो गई है। इस वायरस का नाम माकोप (एमएकेओपी) बताया गया है। उत्तराखंड में पहली बार इस वायरस से हमला किया गया है। यद्यपि यह वायरस पहले भी माइक्रोसाफ्ट, एम्स दिल्ली की वेबसाइट समेत अन्य कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय कंपनियों की वेबसाइट पर हमला बोल चुका है।

यह वायरस क्राइम एंड कंट्रोल ट्रेकिंग नेटवर्क सिस्टम (सिस्टम) के जरिये डाटा सेंटर तक पहुंचा था। यानी इसका सबसे पहला हमला सीसीटीएनएस पर हुआ था। इस समय एसटीएफ व एनआइसी की टीमें वायरस भेजने वाले हैकरों की जांच में जुटी हुई हैं।

प्रदेश में साइबर हमले से होने वाले डैमेज कंट्रोल की फिलहाल कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं है। इसे देखते हुए सूचना प्रौद्योगिकी विभाग सचिवालय में भी वैकल्पिक डाटा सेंटर तैयार कर रहा है, जहां सारे डाटा का बैकअप रखा जाएगा। इसके लिए स्थान चिह्नित कर लिया गया है। जल्द ही इस पर कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

Related Articles

Stay Connected

0FansLike
3,912FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles

Too Many Requests