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Friday, September 26, 2025
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रुद्रप्रयाग में बड़ा सड़क हादसा टला, गुप्तकाशी मार्ग पर वाहन गिरा खाई में; 9 घायल

केदारनाथ से लौटते समय खाई में गिरा वाहन, बड़ा हादसा टला; चालक समेत 9 घायल

गुप्तकाशी-ल्वारा मोटरमार्ग पर गिवाड़ी गांव के पास हुआ हादसा, स्थानीय लोगों और रेस्क्यू टीम की मुस्तैदी से बचीं कई जानें

रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग ज़िले में केदारनाथ यात्रा से लौटते समय एक बड़ा सड़क हादसा होते-होते टल गया। बुधवार को गुप्तकाशी-ल्वारा मोटरमार्ग पर स्थित गिवाड़ी गांव के पास एक मैक्स वाहन अनियंत्रित होकर लगभग 100 मीटर गहरी खाई में जा गिरा। वाहन में कुल नौ लोग सवार थे, जिनमें वाहन चालक भी शामिल था। सभी लोग घायल हुए हैं, लेकिन सौभाग्यवश किसी की भी स्थिति गंभीर नहीं बताई जा रही है।

हादसा उस समय हुआ जब ये सभी यात्री केदारनाथ दर्शन के बाद वापस गुप्तकाशी लौट रहे थे। घटना के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई। जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन, पुलिस, आपदा प्रबंधन बल (DDMA), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और स्थानीय ग्रामीणों ने तेजी से मोर्चा संभालते हुए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।

कैसे हुआ हादसा

बुधवार दोपहर लगभग 12:45 बजे यह दुर्घटना हुई। बताया जा रहा है कि वाहन गुप्तकाशी की ओर बढ़ रहा था, लेकिन जैसे ही वह गिवाड़ी गांव के पास एक तीखे मोड़ पर पहुंचा, चालक का वाहन से नियंत्रण हट गया। सड़क पर मिट्टी और ढलान होने के कारण वाहन अनियंत्रित होकर फिसल गया और खाई में जा गिरा। स्थानीय लोगों के अनुसार, वाहन की रफ्तार सामान्य थी, लेकिन मोड़ काफी खतरनाक था और सुरक्षा रेलिंग नहीं होने से हादसे की आशंका बनी रहती है।

हादसे की सूचना मिलते ही प्रशासन हरकत में आया। रुद्रप्रयाग जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी ने तुरंत टीम को मौके के लिए रवाना किया। स्थानीय पुलिस, एसडीआरएफ, फायर विभाग और आपदा प्रबंधन टीम ने ग्रामीणों की मदद से खाई में उतरकर घायलों तक पहुंच बनाई। खाई का रास्ता काफी जोखिम भरा था, लेकिन टीम ने पूरी सावधानी से घायलों को खाई से निकालकर सड़क तक पहुंचाया।

इसके बाद सभी घायलों को प्राथमिक उपचार देकर 108 एंबुलेंस सेवा की मदद से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) अगस्त्यमुनि भेजा गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। टीम की सजगता और तेजी से की गई कार्रवाई की प्रशंसा की जा रही है।

सीएचसी अगस्त्यमुनि के चिकित्सकों के अनुसार, घायलों को सिर, हाथ और पैरों में चोटें आई हैं। हालांकि राहत की बात यह है कि किसी की हालत गंभीर नहीं है। सभी घायलों की स्थिति फिलहाल स्थिर बनी हुई है और अस्पताल प्रशासन लगातार उनके स्वास्थ्य की निगरानी कर रहा है। अस्पताल प्रशासन द्वारा परिजनों को सूचना दे दी गई है और कुछ परिवारजन अस्पताल पहुंच चुके हैं

स्थानीय लोगों की भूमिका सराहनीय

घटना स्थल पर सबसे पहले पहुंचने वालों में स्थानीय ग्रामीण ही थे। ग्रामीणों ने बिना देर किए रस्सियों और घरेलू साधनों की मदद से खाई में उतरकर यात्रियों की सहायता की। आपदा प्रबंधन अधिकारी ने ग्रामीणों की भूमिका को सराहते हुए कहा कि यदि स्थानीय लोग समय रहते सहायता नहीं करते, तो स्थिति कहीं अधिक भयावह हो सकती थी।

प्रशासन का बयान और अगली कार्रवाई

जिलाधिकारी ने हादसे की पुष्टि करते हुए मीडिया को बताया कि हादसे के कारणों की जांच की जाएगी। साथ ही उन्होंने क्षेत्रीय लोक निर्माण विभाग को निर्देशित किया है कि वे गुप्तकाशी-ल्वारा मार्ग के खतरनाक हिस्सों की पहचान कर आवश्यक सुरक्षा उपाय करें, जैसे कि सड़क किनारे रेलिंग, चेतावनी बोर्ड, गति अवरोधक इत्यादि।

प्रशासन का यह भी कहना है कि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाएं रोकने के लिए यात्रियों और वाहन चालकों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है, विशेष रूप से उन मार्गों पर जो संकरे और ढलानदार हैं।

लगातार बढ़ रही हैं दुर्घटनाएं

गौरतलब है कि चारधाम यात्रा के दौरान इस मार्ग पर वाहनों की आवाजाही काफी अधिक होती है। पिछले कुछ वर्षों में भी इस मार्ग पर कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। तीव्र मोड़, खराब सड़कें और सुरक्षा इंतज़ामों की कमी इन हादसों के मुख्य कारणों में गिने जाते हैं। प्रशासन द्वारा समय-समय पर मार्गों की मरम्मत और चेतावनी संकेत लगाने की घोषणाएं होती रही हैं, लेकिन ज़मीनी स्तर पर बदलाव की गति धीमी रही है

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