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Wednesday, July 9, 2025
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डेस्टिनेशन वेडिंग को मिलेगा नया आयाम, अब होंगी साहसिक और आध्यात्मिक शादियां

उत्तराखंड बनेगा ड्रीम वेडिंग डेस्टिनेशन: साहसिक, आध्यात्मिक और ईको फ्रेंडली शादियों का फ्रेमवर्क तैयार

देहरादून। विवाह पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में उत्तराखंड सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। साहसिक, आध्यात्मिक और पर्यावरण-अनुकूल थीम पर आधारित शादियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने “वेड इन उत्तराखंड” नामक एक समर्पित डेस्टिनेशन वेडिंग फ्रेमवर्क तैयार कर लिया है। इस पहल का उद्देश्य उत्तराखंड को देश ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख विवाह स्थल के रूप में स्थापित करना है।

प्रधानमंत्री मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ विजन से प्रेरणा

यह फ्रेमवर्क प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ जैसे अभियानों से प्रेरित है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशन में यह रणनीति तैयार की गई है, जिसे पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने जारी किया। इसके अंतर्गत राज्य में विवाह पर्यटन की संभावना को संस्थागत स्वरूप देने और विभिन्न विभागों के बीच समन्वय सुनिश्चित करने के लिए राज्य स्तरीय विवाह पर्यटन विकास समिति का गठन किया जाएगा।

शादियों को मिलेगा नया आयाम: थीम आधारित वेडिंग पैकेज

नई नीति के तहत राज्य में विविध थीम पर आधारित वेडिंग पैकेज विकसित किए जाएंगे, जिनमें निम्नलिखित शामिल होंगे:

  • साहसिक विवाह (Adventure Weddings): नदी किनारे, झीलों, ऊंचे पहाड़ों और कैंपिंग स्थलों पर आयोजित होने वाली शादियां।

  • आध्यात्मिक विवाह (Spiritual Weddings): ऋषिकेश, हरिद्वार, गंगोत्री-यमुनोत्री जैसे धार्मिक स्थलों पर शांति और साधना के माहौल में विवाह।

  • ईको फ्रेंडली विवाह (Eco-Friendly Weddings): पर्यावरण के प्रति जागरूकता के साथ, प्लास्टिक मुक्त, जैविक भोजन और पारंपरिक संगीत के साथ आयोजन।

  • पारंपरिक कुमाऊंनी या गढ़वाली विवाह: लोक संस्कृति और रीति-रिवाजों के साथ क्षेत्रीय विरासत को समर्पित विवाह समारोह।

इन थीम आधारित शादियों के लिए अनुभवात्मक पर्यटन क्लस्टर (Experiential Tourism Clusters) विकसित किए जाएंगे, जहां पर्यटक न सिर्फ विवाह समारोह में भाग लेंगे, बल्कि उत्तराखंड की संस्कृति, खानपान और लोककला का अनुभव भी प्राप्त करेंगे।

पर्यावरण संरक्षण भी रहेगा प्राथमिकता में

राज्य सरकार इस पूरी प्रक्रिया को पर्यावरण-अनुकूल बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। शोर नियंत्रण, कचरा प्रबंधन, प्लास्टिक प्रतिबंध और प्राकृतिक संसाधनों के समुचित उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न विभागों द्वारा गाइडलाइंस तैयार की जाएंगी। सभी आयोजनों के लिए लाइसेंस और अनुमति की सुविधा एक सिंगल विंडो पोर्टल के माध्यम से प्रदान की जाएगी, जहां आयोजन से संबंधित सभी जानकारियां और सेवाएं एक ही मंच पर उपलब्ध होंगी।

पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा, स्थानीय रोजगार में आएगी तेजी

उत्तराखंड सरकार को उम्मीद है कि इस पहल से पर्यटन क्षेत्र में एक नया बाजार विकसित होगा। विवाह आयोजन के चलते प्रदेश में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। फोटोग्राफी, इवेंट मैनेजमेंट, परिवहन, खानपान, हस्तशिल्प जैसे क्षेत्रों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।

नई और छिपी जगहों को विकसित किया जाएगा वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में

इस योजना के अंतर्गत राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों के अलावा नवीन और कम ज्ञात स्थलों की पहचान की जाएगी जिन्हें डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए विकसित किया जाएगा। इन क्षेत्रों में सड़क, रेल, हवाई, संचार, बिजली और जल आपूर्ति जैसे बुनियादी ढांचे का विकास किया जाएगा। निजी क्षेत्र के सहयोग से टेंट सिटी, लग्जरी रिसॉर्ट्स और अस्थायी आवासीय सुविधाएं स्थापित की जाएंगी।

प्रभावशाली मार्केटिंग और प्रचार की रणनीति

राज्य सरकार विवाह स्थलों और उनकी संस्कृति को दुनिया के सामने लाने के लिए एक व्यापक मार्केटिंग अभियान चलाएगी। विभिन्न डिजिटल, सोशल मीडिया, प्रिंट और इवेंट प्लेटफॉर्म पर उत्तराखंड के प्रमुख वेडिंग डेस्टिनेशन जैसे ऋषिकेश, मसूरी, नैनीताल, अल्मोड़ा, औली, टिहरी आदि को प्रचारित किया जाएगा। साथ ही, इवेंट प्लानर्स और टूर एजेंटों को आमंत्रित कर ‘फैम ट्रिप्स’ यानी फेमिलियराइजेशन टूर आयोजित किए जाएंगे ताकि वे इन स्थानों से परिचित हो सकें।

वैधता और सुविधा सुनिश्चित करने की व्यवस्था

डेस्टिनेशन वेडिंग को व्यवस्थित और वैध बनाने के लिए सरकार विवाह स्थलों, सेवा प्रदाताओं, टूर ऑपरेटरों आदि के लिए स्पष्ट प्रमाणन प्रक्रिया और पैनल सूची तैयार करेगी। यह पूरा ढांचा पर्यटन विकास परिषद (TDC) के निर्देशन में कार्य करेगा, जबकि जीएमवीएन और केएमवीएन संयुक्त रूप से इस पहल को जमीनी स्तर पर लागू करने में मदद करेंगे।

उत्तराखंड सरकार का यह प्रयास न केवल राज्य को एक नई पर्यटन पहचान दिलाएगा, बल्कि इससे जुड़ी स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी व्यापक लाभ पहुंचेगा। साहसिकता, अध्यात्म और प्रकृति के संग विवाह के इस अनोखे संगम को अब एक संगठित और सुसंगत रूप मिलने जा रहा है, जो उत्तराखंड को विवाह पर्यटन का नया ग्लोबल हब बना सकता है।

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