9.2 C
New York
Friday, March 28, 2025
spot_img

दून पुस्तकालय में युवा संवाद: समग्र विकास के मुद्दों पर खुली चर्चा

दून पुस्तकालय में युवा संवाद सत्र का आयोजन, युवाओं के समग्र विकास पर हुई चर्चा

देहरादून। दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र की ओर से आज प्रातः “युवाओं की आकांक्षाएं और समग्र विकास के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र की परिकल्पना” विषय पर एक विशेष युवा संवाद सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र में ईस्ट-वेस्ट सेंटर में युवा दक्षिण एशियाई नेताओं की पहल की वरिष्ठ विशेषज्ञ क्रिस्टिना मोनरो ने पुस्तकालय के युवा पाठकों के साथ विभिन्न सामाजिक, शैक्षिक और नेतृत्व विकास से जुड़े विषयों पर सार्थक संवाद किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के संस्थापक-अध्यक्ष और प्रख्यात सामाजिक वैज्ञानिक प्रोफेसर बी.के. जोशी ने की। इस अवसर पर पूर्व प्रमुख सचिव, उत्तराखंड शासन विभापुरी दास भी विशेष रूप से उपस्थित रहीं।

सत्र के दौरान क्रिस्टिना मोनरो ने ईस्ट-वेस्ट सेंटर की स्थापना और इसके उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इसकी स्थापना 1960 में इस सोच के साथ की गई थी कि बेहतर समझ के माध्यम से भविष्य में युद्धों को रोका जा सके। उन्होंने बताया कि ईस्ट-वेस्ट सेंटर विभिन्न लीडरशिप कार्यक्रम संचालित करता है, जिनकी अवधि दो हफ्ते से लेकर पांच साल तक की होती है।

उन्होंने अपने नए कार्यक्रम “युवा साउथ एशिया लीडरशिप कार्यक्रम” के बारे में जानकारी दी, जिसके तहत दक्षिण एशियाई देशों के युवाओं के बीच एक मजबूत नेटवर्क स्थापित किया जाएगा। मोनरो ने यह भी बताया कि अगले दो वर्षों में केंद्र कई कार्यशालाओं की श्रृंखला आयोजित करेगा, जिसमें इस वर्ष कोलंबो, नेपाल और ढाका में कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी।

मोनरो ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि भारत दक्षिण एशिया में एक नेतृत्वकारी भूमिका निभाता है, इसलिए यहां के युवाओं की जिम्मेदारियां भी बढ़ जाती हैं। उन्होंने युवाओं को इस नए कार्यक्रम में रजिस्टर करने और सक्रिय रूप से भागीदारी निभाने के लिए प्रेरित किया।

सत्र के दौरान युवाओं और मोनरो के बीच प्रश्नोत्तर सत्र भी आयोजित किया गया, जिसमें उन्होंने युवा प्रतिभागियों के सवालों के उत्तर देकर संवाद को और अधिक रोचक एवं प्रभावी बनाया।

युवाओं के लिए महत्वपूर्ण मंच बना संवाद सत्र

इस कार्यक्रम ने युवाओं को वैश्विक दृष्टिकोण, नेतृत्व विकास और नेटवर्किंग के अवसरों से अवगत कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पुस्तकालय में आयोजित यह संवाद सत्र युवाओं के विचारों, आकांक्षाओं और उनके समग्र विकास की संभावनाओं पर केंद्रित रहा, जिससे उन्हें एक नई दिशा और प्रेरणा मिली।

दून

प्रोफेसर बी.के. जोशी ने इस संवादात्मक सत्र में अंतरराष्ट्रीय नेतृत्व विशेषज्ञ क्रिस्टिना मोनरो का हार्दिक स्वागत किया और कहा कि इस तरह के कार्यक्रम विशेष रूप से युवा वर्ग के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होते हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि दून पुस्तकालय की ओर से भविष्य में भी ऐसे आयोजन करने के प्रयास जारी रहेंगे, ताकि युवाओं को प्रेरणा और मार्गदर्शन मिलता रहे। प्रोफेसर जोशी ने ईस्ट-वेस्ट सेंटर के इतिहास और इसकी अहमियत पर प्रकाश डालते हुए बताया कि वर्ष 1974 में उन्हें भी इसी प्रतिष्ठित संस्थान से शोध कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ था।

गौरतलब है कि क्रिस्टिना मोनरो एक अंतरराष्ट्रीय नेतृत्व प्रशिक्षक एवं कार्यक्रम निदेशक हैं, जिन्हें 50 से अधिक देशों के पेशेवरों और छात्रों के साथ कार्य करने का लगभग 18 वर्षों का व्यापक अनुभव है। वर्तमान में, वह ईस्ट-वेस्ट सेंटर के यंग साउथ एशियन लीडर्स इनिशिएटिव की वरिष्ठ विशेषज्ञ के रूप में कार्यरत हैं। हाल ही में, उन्होंने पूर्व छात्र जुड़ाव कार्यालय का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया, जहां उनके मार्गदर्शन में 70,000 से अधिक पूर्व छात्रों और 53 पूर्व छात्र अध्यायों का एक मजबूत नेटवर्क विकसित हुआ। उनकी नेतृत्व क्षमताओं और संगठनात्मक कौशल ने ईस्ट-वेस्ट सेंटर को वैश्विक स्तर पर एक सशक्त मंच के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

इस विशेष संवाद सत्र का संचालन संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी), उत्तराखंड के कार्यक्रम सहयोगी अंकित जायसवाल ने किया। अंत में, कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए यूएनडीपी उत्तराखंड के प्रमुख डॉ. प्रदीप मेहता ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस अवसर पर दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के कार्यक्रम सहयोगी चंद्रशेखर तिवारी, मेघा विल्सन, सुन्दर सिंह बिष्ट सहित बड़ी संख्या में युवा पाठक एवं शोधार्थी उपस्थित रहे। उनके उत्साहपूर्ण सहभागिता ने इस कार्यक्रम को और भी प्रभावशाली बना दिया।

Related Articles

Stay Connected

0FansLike
3,912FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles

Too Many Requests