प्रदेशभर में लगे 1487 स्वास्थ्य शिविर, हजारों लोगों ने उठाया लाभ
देहरादून। महिलाओं के स्वास्थ्य और परिवारों की मजबूती को ध्यान में रखते हुए प्रदेशभर में 19 सितम्बर को “स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान” के तहत वृहद स्तर पर स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया गया। इन शिविरों ने आमजन के लिए बड़ी राहत का काम किया, जहां महिलाओं, पुरुषों और बच्चों ने विभिन्न स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाया।
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, प्रदेशभर में कुल 1487 शिविर लगाए गए, जिनमें से 24 विशेष शिविर रहे। इन शिविरों में कुल 71,797 लोगों ने स्वास्थ्य परामर्श और जांच कराई। इनमें 43,232 महिलाएं और 28,565 पुरुष शामिल रहे।
गैर-संचारी रोगों की स्क्रीनिंग और विशेष सेवाएं
शिविरों में गैर-संचारी रोगों (Non-Communicable Diseases) की जांच पर खास जोर दिया गया।
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हाइपरटेंशन परीक्षण : 21,475 महिलाएं एवं 16,958 पुरुष
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डायबिटीज परीक्षण : 20,253 महिलाएं एवं 14,002 पुरुष
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कैंसर स्क्रीनिंग : 28,778 महिलाएं एवं 9,369 पुरुष
इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं को परामर्श देने की भी विशेष व्यवस्था की गई, जिससे 6,610 गर्भवती महिलाएं लाभान्वित हुईं।
मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य पर जोर
मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को सुदृढ़ करने के लिए एनीमिया (रक्त अल्पता) परीक्षण भी शिविरों का हिस्सा रहा। इस दौरान 8,070 महिलाएं एवं 1,528 पुरुष जांच से गुजरे। इसके अतिरिक्त बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए 6,668 बच्चों का टीकाकरण किया गया।
राज्यभर में लगे इन शिविरों में टीबी स्क्रीनिंग भी व्यापक स्तर पर की गई, जिसमें 13,707 लोगों की जांच की गई। साथ ही “नि:क्षय मित्र” योजना के अंतर्गत 806 लोगों ने पंजीकरण कराया।
स्वास्थ्य शिविरों में 8,096 लोगों ने रक्तदान हेतु पंजीकरण कराया, जबकि मौके पर ही 935 यूनिट रक्त संग्रहित किया गया।
सरकार का लक्ष्य : सबको सुलभ और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि “स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान” राज्य सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है, जिसका उद्देश्य प्रत्येक नागरिक तक सुलभ और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना है। इसके माध्यम से विशेष रूप से महिलाओं के स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है ताकि विभिन्न बीमारियों की समय पर पहचान और उचित उपचार सुनिश्चित हो सके।
अधिकारियों का कहना है कि इस अभियान से लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और आमजन को नियमित जांच व रोकथाम संबंधी सुविधाएं नजदीकी स्तर पर मिलेंगी।