15.1 C
New York
Saturday, October 18, 2025
spot_img

बारिश से बांसबगड़-जिप्ती मोटर मार्ग पर भूस्खलन, यातायात बंद

बांसबगड़-जिप्ती समेत कई मार्ग ठप; हजारों लोग प्रभावित

लीलम का पैदल मार्ग भी ध्वस्त, ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ीं

पिथौरागढ़। सीमांत पिथौरागढ़ जिले में इन दिनों मौसम साफ रहने के बावजूद कई स्थानों पर चट्टानें दरकने और भूस्खलन की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। इससे जिले के अलग-अलग हिस्सों में सड़कों और पैदल मार्गों के बाधित हो जाने से हजारों लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी बुरी तरह प्रभावित हो रही है। दर्जनों गांवों का संपर्क पूरी तरह कट गया है, जिससे न केवल आवागमन, बल्कि आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति भी ठप पड़ी है। कई ग्रामीण जान जोखिम में डालकर पहाड़ी रास्तों से यात्रा करने को मजबूर हैं।

नाचनी-बांसबगड़ रास्ता फिर हुआ बंद, दर्जनों वाहन फंसे

सोमवार को नाचनी-बांसबगड़ मोटर मार्ग पर पहाड़ी दरकने से भारी मलबा आ गया। पिछले पखवाड़े में यह दूसरी बार है जब यह मार्ग अवरुद्ध हुआ है। मलबा गिरने के कारण सड़क के दोनों ओर दर्जनों वाहन फंसे रह गए। वहीं, क्षेत्र के दर्जनभर गांवों के हजारों लोग आवाजाही के लिए परेशान हैं। सड़क बंद होने के चलते जरूरी कार्यों से बाहर निकले लोगों को पैदल मलबा पार कर दूसरी ओर से वाहन पकड़ने पड़ रहे हैं, जिससे उनकी यात्रा में न केवल समय, बल्कि काफी जोखिम भी जुड़ गया है।

मदकोटा-झापुली मार्ग पर भी मलबा, छह गांव अलग-थलग

इधर, मुनस्यारी तहसील के मदकोटा-झापुली मोटर मार्ग पर बोना पुल के पास भी पहाड़ी दरकने से भारी मलबा आ गया है। मार्ग अवरुद्ध हो जाने से करीब आधा दर्जन गांवों का संपर्क मुख्यालय से टूट गया है। ग्रामीणों को राशन, दवाइयों और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन द्वारा मार्ग से मलबा हटाने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन दुर्गम स्थल और लगातार छोटे-छोटे पत्थर गिरने के कारण कार्य में विलंब हो रहा है।

गाला-जिप्ती मोटर रास्ता पर भी भूस्खलन, यात्री परेशान

धारचूला तहसील के अंतर्गत गाला-जिप्ती मोटर मार्ग पर रक्छाताल के पास चट्टान दरकने से भारी मलबा सड़क पर आ गिरा। इस मार्ग पर भी कई वाहन फंसे हुए हैं। प्रशासन के अनुसार देर शाम तक मार्ग खोलने की कोशिशें की जा रही थीं। मगर चट्टानों के बड़े-बड़े टुकड़े गिरने के चलते मशीनों को काम में दिक्कत आ रही है। सड़क बंद होने से धारचूला और आसपास के इलाकों के यात्रियों व ग्रामीणों को काफी मुश्किलें झेलनी पड़ रही हैं।

लीलम का पैदल मार्ग ध्वस्त, गांवों का संपर्क टूटा

सबसे चिंताजनक स्थिति मुनस्यारी क्षेत्र के लीलम में सामने आई है, जहां पैदल मार्ग पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। लीलम के पास रास्ता टूटने से बुई, लेंगा, पातों और रालम गांव का संपर्क मुख्य मार्ग से कट गया है। ग्रामीण पहाड़ियों पर चढ़कर बेहद खतरनाक रास्तों से आवाजाही कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस स्थान से लोग गुजर रहे हैं, उसके नीचे गोरी नदी बहती है और मामूली चूक जानलेवा साबित हो सकती है

राशन ढुलाई भी ठप, ग्रामीणों में आक्रोश

पैदल रास्ता बंद होने के कारण घोड़े-खच्चरों के जरिए राशन और अन्य सामग्री की ढुलाई भी पूरी तरह ठप हो गई है। यूथ कांग्रेस जिलाध्यक्ष विक्रम दानू ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर हालात का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि ग्रामीण जीवन खतरे में डालकर मलबे और दरकती चट्टानों के बीच यात्रा करने को मजबूर हैं। उन्होंने जिलाधिकारी और उपजिलाधिकारी मुनस्यारी को ज्ञापन भेजकर तत्काल मलबा हटाने और क्षतिग्रस्त मार्गों की मरम्मत की मांग की है। उनका कहना है कि हालात पर तुरंत कार्रवाई नहीं हुई तो क्षेत्र में खाद्यान्न और स्वास्थ्य संकट उत्पन्न हो सकता है।

वहीं प्रशासन का कहना है कि मौसम अनुकूल रहते ही राहत और मरम्मत कार्य तेजी से किए जा रहे हैं। हालांकि लगातार चट्टानें दरकने और दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते सड़क खोलने में समय लग रहा है। अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि बिना आवश्यक कारण जोखिम भरे मार्गों पर आवाजाही न करें।

गौरतलब है कि सीमांत जिलों में पहाड़ी दरकने की घटनाएं मानसून में आम बात होती हैं, मगर इस बार बारिश न होने पर भी लगातार चट्टानें खिसकना चिंता का विषय बन गया है। विशेषज्ञ इसे भूगर्भीय हलचलों और पहाड़ियों के कमजोर होते भू-संरचना से जोड़कर देख रहे हैं। ऐसे में स्थानीय लोगों की सुरक्षा और संपर्क बहाली प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है

Related Articles

Stay Connected

0FansLike
3,912FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles