चारधाम यात्रा 2025 के लिए हाईटेक सुरक्षा व्यवस्था लागू
ATS, BDS, ड्रोन, सीसीटीवी और 6000 से अधिक जवानों की तैनाती; SDRF की 58 टीमें भी अलर्ट पर
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 2025 के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इस बार अभूतपूर्व और अत्याधुनिक सुरक्षा व्यवस्था की गई है। उत्तराखंड पुलिस ने यात्रा मार्गों और चारों धामों—यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ—में व्यापक पैमाने पर सुरक्षा बलों की तैनाती के साथ-साथ तकनीकी निगरानी प्रणाली को भी मजबूत किया है। इस बार न केवल बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है, बल्कि आतंकवाद रोधी दस्ता (ATS) और बम निरोधक दस्ता (BDS) को भी पहली बार चारधाम यात्रा की सुरक्षा में लगाया गया है। यह निर्णय भीड़भाड़, आपदा की संभावना और किसी भी आतंकी खतरे को देखते हुए लिया गया है।
प्रदेशभर से लगभग 6000 पुलिसकर्मियों को यात्रा मार्गों और धाम परिसरों में तैनात किया गया है। इसमें 10 एडिशनल एसपी, 28 सर्कल ऑफिसर (सीओ), 64 इंस्पेक्टर, 387 सब-इंस्पेक्टर और एडिशनल सब-इंस्पेक्टर, 624 हेड कांस्टेबल और 791 कांस्टेबल शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, प्रदेश सशस्त्र बल (PAC) की 31 सब यूनिट, 1452 होमगार्ड, 919 पीआरडी जवान, तथा अग्निशमन सेवा की 30 यूनिट्स और एक सब यूनिट को भी यात्रा मार्गों पर तैनात किया गया है। सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक पुख्ता बनाने के लिए छह कंपनियों की अर्धसैनिक बलों को भी संवेदनशील क्षेत्रों और होल्टिंग प्वाइंट्स पर तैनात किया गया है।
डिजिटल निगरानी के क्षेत्र में इस बार उल्लेखनीय विस्तार किया गया है। चारधाम यात्रा मार्ग और धाम परिसरों में कुल 624 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिनके माध्यम से यात्रा की हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। इन कैमरों को सभी प्रमुख जिलों में समुचित रूप से वितरित किया गया है। देहरादून में 107, हरिद्वार में 85, टिहरी में 102, पौड़ी में 44, रुद्रप्रयाग में 120 (जिसमें 5 धाम परिसर में), चमोली में 95 (16 धाम परिसर में), और उत्तरकाशी जिले में 71 कैमरे लगाए गए हैं—जिसमें गंगोत्री और यमुनोत्री के धाम क्षेत्रों में 24 और 12 कैमरे शामिल हैं। इसके अलावा, ड्रोन कैमरों का भी उपयोग किया जा रहा है, जो भीड़ प्रबंधन और आपात स्थिति में निगरानी के लिए उपयोगी साबित हो रहे हैं।
चारधाम यात्रा मार्गों की भौगोलिक संवेदनशीलता को देखते हुए इस बार राज्य आपदा प्रतिवादन बल (SDRF) की 58 टीमें भी विभिन्न स्थानों पर तैनात की गई हैं। इन टीमों को आपात स्थिति में तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करने के लिए पूरी तरह प्रशिक्षित और सुसज्जित किया गया है। साथ ही, हरिद्वार, ऋषिकेश, देवप्रयाग और श्रीनगर जैसे जलस्रोतों वाले स्थानों पर जल पुलिस और गोताखोरों की विशेष टीमें भी तैनात की गई हैं। किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए क्विक रिस्पॉन्स टीमें (QRT) भी संवेदनशील स्थानों पर अलर्ट मोड पर तैनात की गई हैं।
चारधाम यात्रा के दौरान बार-बार सामने आने वाली यातायात की समस्या और जाम की स्थिति से निपटने के लिए पुलिस विभाग को विशेष निर्देश दिए गए हैं। गढ़वाल परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक (IG) राजीव स्वरूप ने आदेश जारी किए हैं कि किसी भी परिस्थिति में अति आवश्यक सेवाएं जैसे एम्बुलेंस, अग्निशमन वाहन और स्वास्थ्य सेवा से जुड़े अन्य वाहन बाधित न हों। यात्रा मार्ग पर तैनात पुलिस बल को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे वाहनों को प्राथमिकता के आधार पर मार्ग प्रदान किया जाए।
चारधाम यात्रा 2025 की यह व्यापक सुरक्षा व्यवस्था श्रद्धालुओं की सुरक्षा, सुविधा और आपदा प्रबंधन को लेकर राज्य सरकार की तत्परता को दर्शाती है। यह पहली बार है जब इस स्तर की टेक्नोलॉजी, जनशक्ति और विशिष्ट बलों का समन्वित प्रयोग एक धार्मिक यात्रा की सुरक्षा में किया गया है। उत्तराखंड पुलिस का यह कदम निश्चित रूप से श्रद्धालुओं को एक सुरक्षित और सुव्यवस्थित यात्रा अनुभव प्रदान करेगा।