देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अमर बलिदानी राजगुरु, सुखदेव एवं भगत सिंह के बलिदान दिवस की संध्या पर आयोजित “एक शाम देश के भगत के नाम” कवि सम्मेलन एवं सम्मान समारोह में प्रतिभाग किया। यह आयोजन शिव धरा फाउंडेशन द्वारा आयोजित किया गया, जिसमें देशभक्ति और राष्ट्र प्रेम की भावना को संजोते हुए विभिन्न कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए।
रविवार को सांय राजपुर रोड स्थित एक होटल में हुए इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने देश की आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले अमर बलिदानियों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने इस अवसर को बलिदानियों के सम्मान में एक ऐतिहासिक पल बताया और कहा कि ऐसे कार्यक्रम युवाओं को प्रेरणा देने के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन महान शहीदों ने अपने जीवन की परवाह न कर भारत माता को बेड़ियों से मुक्त करने के लिए संघर्ष किया। उनके इरादे अटल थे और उनका हौसला बुलंद था। उन्होंने अपना जीवन देश के लिए समर्पित कर दिया और उनके त्याग व बलिदान के कारण ही आज हम स्वतंत्रता और सम्मान के साथ जी रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन वीरों के बलिदान ने ही अंग्रेजों को भारत छोड़ने के लिए मजबूर किया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर शहीद भगत सिंह के विचारों को भी स्मरण किया। उन्होंने कहा कि भगत सिंह कहा करते थे कि सच्ची स्वतंत्रता तभी संभव है जब भारत में सभी वर्गों और जातियों को समान अधिकार और अवसर प्राप्त हों। इसी भावना को साकार करने के लिए उत्तराखंड सरकार ने समान नागरिक संहिता लागू की है, जिससे राज्य के सभी नागरिकों को समान कानूनी अधिकार मिल चुके हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश की जनता से किए गए वादे के अनुसार समान नागरिक संहिता को मंजूरी देकर उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य बना है जिसने इस दिशा में ठोस कदम उठाया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन महान शहीदों ने अपने जीवन की परवाह न कर माँ भारती को बेडियों से मुक्त करने के लिए जीवन भर संघर्ष किया, इनके इरादे अटल थे तथा हौंसला बुलन्द था। अपना जीवन देश को समर्पित करने वाले इन बलिदानियों के कारण ही आज हम स्वतंत्रता तथा सम्मान के साथ जी रहे हैं, उनके त्याग ने ही अंग्रजों को भारत छोड़ने के लिए मजबूर किया था।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि 23 मार्च को उत्तराखंड सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के तीन वर्ष पूरे किए हैं। इन तीन वर्षों में राज्य के समग्र विकास के लिए अनेक उपलब्धियां हासिल की गई हैं, जिनके आधार पर यह कहा जा सकता है कि उत्तराखंड विकास की नई ऊंचाइयों को छूने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है और उत्तराखंड भी इस संकल्प को साकार करने के लिए पूर्ण निष्ठा और समर्पण के साथ कार्य कर रहा है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने समाज सेवा और अन्य क्षेत्रों में विशेष योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित भी किया। इनमें स्वामी विनायक, सुश्री पल्लवी पटेल, अखिलेश अग्रवाल, प्राची कंडवाल, संजीव गोयल के साथ ही प्रसिद्ध कवि डॉ. हरिओम पंवार, अमित शर्मा, कुशल कुशवाहा, महिमा और श्रीकांत श्री का सम्मान किया गया। यह सम्मान समारोह समाज में योगदान देने वाले व्यक्तियों की प्रेरणादायक यात्रा को उजागर करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास था।
कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, दून विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. सुरेखा डंगवाल ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि देश के वीर बलिदानियों की गाथाओं से प्रेरणा लेकर हम सभी को समाज और राष्ट्र के विकास में अपनी भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने इस आयोजन की सराहना की और इसे भविष्य में भी जारी रखने की आवश्यकता पर बल दिया।
इस भव्य कार्यक्रम में शिव धरा फाउंडेशन के लल्लन सिंह, विशाल जिंदल, उमेश पटेल, मयंक सिंह गौर सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोग उपस्थित थे। यह आयोजन बलिदानियों की स्मृति को चिरस्थायी बनाने और युवाओं को राष्ट्र निर्माण की दिशा में प्रेरित करने का एक महत्वपूर्ण मंच साबित हुआ।