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Friday, December 6, 2024
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बीज के उत्पादन में क्रांति लाने की जरूरत – राज्यपाल

पंतनगर कृषि विवि में अखिल भारतीय किसान मेले व प्रदर्शनी का आयोजन

 

पंतनगर।  गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, पंतनगर  विश्वविद्यालय  के 114वें अखिल भारतीय किसान मेले एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी  का उद्घाटन  राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने किया। मेले के उद्घाटन के पश्चात कुलपति, डॉ. मनमोहन सिंह  द्वारा राज्यपाल को मेले में लगी उद्यान प्रदर्शनी तथा विश्वविद्यालय द्वारा लगाई गई विभिन्न प्रदर्शनियों के स्टॉलों का अवलोकन कराया गया।  उद्घाटन समारोह गांधी हाल सभागार में आयोजित किया गया जिसकी अध्यक्षता निदेशक प्रसार शिक्षा, डॉ. जे.पी. जायसवाल ने की ।

इसअवसर पर राज्यपाल ने  कहा कि  किसान मेले में विद्यार्थियों ने मॉडल के माध्यम से कृषि तकनीकों, ए.आई., जलवायु तकनीक के नवाचार को प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि हमें एकजुटता के साथ मिलकर आगे बढ़ना चाहिए।  विश्वविद्यालय में किसानों एवं वैज्ञानिकों को उनके उत्कृष्ट तकनीकों के लिए सम्मानित किया गया है।

उन्होंने कहा कि बीज के उत्पादन में क्रांति लाने की आवश्कता है। किसान मेले में उत्तराखण्ड की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा पैकिंग की गुणवत्ता बहुत ही अच्छे ढंग से की गयी है ।  उन्होंने आने वाला समय महिलाओं और बेटियों का बताया। खाद्य के क्षेत्र में विश्वविद्यालय की भूमिका रही है। विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने नवाचार, नई प्रजातियों, तकनीकों कोे किसानों तक मुहैया कराया है जिससे किसान उन तकनीकों को उपयोग में लाकर अपनी आय में वृद्धि कर रहें है।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को पूर्व में आईसीएआर द्वारा तीन बार सरदार बल्लभ भाई उत्कृष्ट अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है । और आशा करता हूँ कि अगले साल यह अवार्ड पुनः प्राप्त हो। प्रधानमंत्री मोदी की मुहिम अन्तर्राष्ट्रीय मोटे अनाज वर्ष 2023 को 72 देशों में श्रीअन्न के रूप में मनाया जा रहा है।

उन्होंने मिलेट को प्रभु के भोजन का आशीर्वाद बताया। उन्होंने कहा कि मोटे अनाज में पोषक तत्वों की मात्रा अधिक होती है जिससे हमारा शरीर रोगमुक्त हो जाता है। उन्होंने  नवीनतम तकनीकों को किसानों तक पहुंचाने का आह्वान किया।

राज्यपाल  ने कहा कि विश्वविद्यालय में शोध की आवश्कता है क्योंकि आने वाले समय में पानी की किल्लत होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि जिस तरह मृदा में रासायनिक उर्वरक, यूरिया आदि का उपयोग हो रहा है, जिससे पानी का स्तर घटता जा रहा है। उन्होंने कहा कि लघु उद्योग एवं कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने की बात कही।

कार्यक्रम में कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान ने कहा कि 114वें किसान मेले में अब तक 450 स्टॉल लगाए जा चुके है और  36 लाख की आय हुई है जोअब तक का रिकार्ड है। देश में 33 करोड़ टन अनाज पैदा हो रहा है जो देश की 140 करोड़ की जनसंख्या का पेट भर रहा है। यह सब वैज्ञानिकों एवं किसानों के सहयोग से हो पाया है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष दलहन में विश्वविद्यालय में 7 प्रजातियां विकसित की गयी हैं, जो कुल मिलाकर अब तक विभिन्न फसलों की 252 प्रजातियां विकसित हुई हैं। उन्होंने वैज्ञानिकों से आह्वान किया कि नवीन तकनीकों को विकसित करने की जिम्मेदारी विश्वविद्यालय की  है। उन्होंने सभी से सहयोग करने का आह्वान किया।

उद्घाटन सत्र के प्रारम्भ में निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. जे.पी. जायसवाल ने सभी आगन्तुकों का स्वागत किया एवं मेले के विषय में जानकारी दी। कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय के निदेशक शोध डॉ. ए.एस. नैन ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर मंचासीन अतिथियों द्वारा विभिन्न कृषि साहित्यों का विमोचन किया गया तथा उत्तराखण्ड के विभिन्न जिलों के कृषि विज्ञान केन्द्र के माध्यम से चयनित 9 कृषकों और विभिन्न फसलों की प्रजातियों को विकसित करने वाले वैज्ञानिकों को भी सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर किसान आयोग के उपाध्यक्ष  राजपाल सिंह, किच्छा विधायक  तिलक राज बेहड़, निदेशक प्रसार आर शिक्षा, डॉ. जे.पी. जायसवाल, निदेशक शोध, डॉ. ए.एस. नैन, जिलाधिकारी ऊधमसिंह नगर उदय राज सिंह , वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, अधिष्ठाता, निदेशक गण, संकाय सदस्य, किसान, विद्यार्थी, वैज्ञानिक, शिक्षक, अधिकारी, विभिन्न कम्पनियों के प्रतिनिधि एवं अन्य आगंतुक और मेले में उत्तराखण्ड के विभिन्न जनपदों के साथ-साथ अन्य प्रदेशों तथा नेपाल के किसान भी उपस्थित थे।

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